मानव लक्ष्य

अस्वस्थ पिता ने अपने छोटे पुत्र को पैसे दिए एवं डॉक्टर की बताई हुई दवा लाने के लिए बाज़ार भेजा। वह लड़का उछलते-कूदते घर से निकला और बाज़ार की ओर चल दिया। थोड़ी दूर ही गया होगा कि रास्ते में एक जगह भीड़ का मजमा देखा,  जो गोलाकार में खड़े होकर कोई तमाशा देख रहा था।

लड़के का आकर्षण उस भीड़ की तरफ हुआ और अंदर घुसकर देखा कि एक मदारी बंदर एवं बंदरिया को नचा रहा है, लोग उधर उस तमाशा को देखने में मशगूल हैं। दवा लाने की बात भूल कर वह लड़का भी तमाशा देखने लगा।

बचपन में सभी इस खेल को देखते रहे होंगे। मदारी बंदरिया को कहता है, अरी,  तू इस बंदर के साथ ससुराल जा,  तेरी इस के साथ शादी हुई है। बंदरिया सर हिलाकर अस्वीकार कर देती है। आज से ५०-६० वर्ष पूर्व भी बंदरों का खेल मदारी इस तरह दिखाता रहा है, अब भी वैसे ही दिखाता रहता है। उस तरीके में कोई परिवर्तन नहीं।

तो वह लड़का भूल गया कि मैं तो दवा  लाने के लिए निकला था। जब खेल समाप्त हुआ तो आगे बढ़ा। आगे एक रीछवाला रीछ नचा रहा था।  कुछ देर उसे देखता रहा। खेल तो हो उसका अंत तो होता ही नहीं है। इस तरह रीछ का खेल भी समाप्त हुआ। अब उसने अपने लक्ष्य की याद आई। फिर आगे बढ़ा।

लेकिन थोड़ी दूर पर एक बाजीगर हाथ की सफाई का खेल दिखा रहा था। वह उसको देखने में तल्लीन हो गया।

बहुत देर हो गई।  उसकी मां को चिंता हुई कि लड़का अभी तक क्यों नहीं लौटा? इतनी देर तो लगने की बात थी नहीं।  उसने अपने बड़े बेटे को बुलाकर कहा कि देख, तेरा छोटा भाई दवा लेने बाजार गया था, अभी तक लौटा नहीं है। कहां रुक गया है? कोई दुर्घटना तो नहीं हो गई है? दवा तो जल्दी आनी चाहिए थी। जिन के प्रति ममता अधिक होती है, उसके प्रति उतनी ही अधिक दुश्चिंता होती है।

बड़ा बेटा दौड़ता हुआ गया और बाजीगर के पास छोटे भाई को खड़ा देखा। तमाशा देखने में तल्लीन भाई को झकझोर कर पूछा कि, क्या बात है, तुझे इतनी देर हो गई घर से चले को। बाबूजी के लिए दवा ले जानी थी, वह नहीं ले गया और यहां खड़ा है।

छोटा लड़का अकस्मात् इस झकझोर और प्रश्न के कारण चौक उठा और बोला, अरे मैं तो भूल ही गया था।

इस बालक की दशा साधारण जनमानस के जीवन में भी रूपांतर से घटित होती है। जिस लक्ष्य के प्राप्ति के लिए मानव चलने लगता है, उस लक्ष्य को भूलकर अन्यान्य अनेक उधेड़बुन में फंस जाता है। लक्ष्य को भूलकर दिक् भ्रांत हो जाती है एवं सफलता से दूर होता चला जाता है।

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