लेखक और ब्लॉग के बारे में



यह ब्लॉग श्री रामजीवन जी चौधरी को एक श्रद्धांजलि है। यह उसकी किताबें ऑनलाइन संरक्षित करने के लिए उनके परिवार के सदस्यों द्वारा प्रयत्न है, ताकि उनका लेखन व्यापक रूप से साँझा और पढ़ा जा सकता है। श्री रामजीवन जी चौधरी ने विभिन्न महान संतों और विचारकों से प्रेरित होकर अध्यात्म और मानवता पर आधारित १५ से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। अपनी सभी पुस्तकों में उन्होने छोटे कथन, घटनाओं या कहानियों को अच्छी तरह समेटा है, जो बहुत अच्छी तरह से हमारे दैनिक जीवन में रूपांतरित की जा सकती हैं।

श्री रामजीवन जी चौधरी का जन्म १९२० में सरदार शहर, राजस्थान में हुआ था। उन्होंने बीएससी (होनोर्स) की पढ़ाई सेंट जेवियर कॉलेज, कलकत्ता से उत्तीर्ण की और उनका विवाह श्रीमती जमुना देवी चौधरी से हुआ। उनका निधन इलाहाबाद में ८ अगस्त, १९९६ में हुआ।

वे बहु व्यक्तित्व के एक व्यक्ति होने के अलावा एक शीर्ष व्यापारी और परोपकारी महापुरुष थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता में सक्रिय रूप से उन व्यक्तियों के साथ भाग लिया था जो स्वतंत्रता पश्चात भारतीय राजनीति के शिखर पर  रहे।

आशा है की आप इन लघु कहानियों व निबन्धों को पढ़ेगें और इनका अत्यधिक लाभ उठाएगें।